मेरी ज़िंदगी मुझे धोखा दे रही है!
मेरी ज़िंदगी मुझे धोखा दे रही है
मैं मर रहा हूँ या मेरी मौत जी रही है
मैं मुस्कुराया उस पल भी जब दिल रो रहा था
आँसुओ की भीगी बरसात हो रही है।
ना जिया इस तरह, जी रहा जिस तरह
मौत को भी नही आ रही क्यों, मेरी ज़िंदगी पे तरस
क्यों लगता है डर, कौन मेरा है यहां पर
फिर खोना किसे है, जो कर रहा फिक्र।
न परवाह की किसी ने मेरी कभी
ना शाम हुई सुबह, मेरी कभी
मैं भटकता रहा मैं तरसता रहा
गीली हुई न उनके गुमान की जमीं
मिटाकर खुद को था उनका हुआ
छोड़कर सच को सपनो में जिया
जो खुशी थी पास मेरी वो भी जा रही है
मेरी ज़िंदगी मुझे धोखा दे रही है।
हूँ मैं या दगाबाज मौत है
कोई एक है जो कर रहा है ये
मैं छोड़ू किसे, चुनू अब किसे
जिसके पास जाना चाहा वो मुझसे दूर है।
दोस्ती निभाने का वादा सब अधूरा रह गया
जो मेरा अपना था वो भी छोड़कर चला गया
जीना है अब अकेले ही, हँसी दूर जा रही है
दर्द में देखकर अब मुझको, वो मुस्कुरा रही है
मेरी ज़िंदगी मुझे धोखा दे रही है।।
#MJ
#प्रतियोगिता
Aliya khan
14-Jul-2021 10:03 PM
Wah
Reply
मनोज कुमार "MJ"
15-Jul-2021 09:02 PM
Shukriya
Reply
🤫
14-Jul-2021 09:52 PM
nice....!
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मनोज कुमार "MJ"
15-Jul-2021 09:02 PM
Thanks
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Swati chourasia
14-Jul-2021 03:54 PM
Very nice 👌
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मनोज कुमार "MJ"
14-Jul-2021 04:00 PM
Dhanyawad
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